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झारखण्ड के रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का छात्र हूँ ! आप बचपन से ही भावुक होते हैं ! जब भी आप कोई खबर पढ़ते-सुनते हैं तो अनायास ही कुछ अच्छे-बुरे भाव आपके मन में आते हैं ! इन्हीं भावो में समय के साथ परिपक्वता आती है और वे विचार का रूप ले लेते हैं! बस मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है! कलम काग़ज से अब तसल्ली नहीं होती ! अब इलेक्ट्रॉनिक कलम की दुनिया भाने लगी है !

रविवार, 27 नवंबर 2016

हमारा रोग तो निगेटिव हो गया लेकिन लोगों की सोच पॉजिटिव नहीं हो रही...

मुखिया मुरली गोस्वामी जी से जानकारी लेते हुए.
चाँद और मंगल पर टहलने के ज़माने में पारिवारिक और सामाजिक बहिष्कार का नज़ारा देखना चाहते हैं तो कभी जगन्नाथपुर स्थित कुष्ट रोगियों का गाँव इंदिरानगर आइये। जगन्नाथपुर मंदिर के ठीक पीछे बसे इस क्लोनी का नाम इंदिरा गांधी के मौत के बाद इंदिरानगर रखा गया था। वैसे इस नाम से इसे कम ही लोग जानते हैं। ज्यादातर लोग तो इसे कुष्ठ क्लोनी के नाम से ही जानते हैं। यहाँ रहने वाले इसे कुष्ट आश्रम कहते हैं। 210 घरों का यह क्लोनी अपने आप में किसी राज्य और देश से कम नहीं क्योंकि क्लोनी का अपना एक अलग संविधान है। रहने और सामाजिक रस्मों को अदा करने का अपना तौर तरीका है। आज घूमते-घूमते यहाँ पहुंचे थे।
मेरे साथ खटिया पर बैठे हैं इस कुष्ट ग्राम के मुखिया मुरली गोस्वामी। मुरली गोस्वामी बंगाल के पुरलिया जिले के रहने वाले हैं। 1980 से यहाँ रह रहे हैं। मुरली जी बताते हैं - "मुझे जब कुष्ट हुआ तो धीरे - धीरे इसकी जानकारी पुरे गाँव को मिली। पंडित परिवार से हूँ तो सुबह - सुबह तालाब में स्नान करके पूजा पाठ करने की आदत थी। एक दिन तालाब पर स्नान करने गया तो पूरा गाँव जुट गया। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। कहने लगे तुझे कुष्ट है तू तालाब में स्नान करता है पुरे गाँव को कुष्ट हो जायेगा। तुम तालाब में स्नान मत किया करो। इस घटना ने मुझे बहुत आघात पहुँचाया। उसी दिन मैंने पुरे गाँव के सामने कह दिया था कि आपलोग चिंतित न हो हम गाँव छोड़कर चले जायेंगे। उसके बाद एक रेलवे टीटी से मुलाकात हुई जिन्होंने कुष्ट आश्रम के बारे में बताया। उसके बाद सीधे यहीं चला आया और यहीं का हो गया। " मुरली जी आगे बताते हैं कि जब वे आये थे तो सिर्फ 8 घर थे लेकिन अब तो पूरा गाँव ही बस गया है। वैसे तो सभी घर HEC के जमीन पर ही बने है लेकिन यहाँ बसने से पहले गाँव की कल्याण समिति से इजाजत लेना पड़ता है। इसके लिए 15 हज़ार रुपये सिक्युरिटी मनी लगता। जिसे कमिटी रखती है और गाँव के कल्याण में खर्च करती है। मुरली जी बताते हैं पुरे झारखण्ड में आज 121 कुष्ट क्लोनी है। सबसे अधिक 15 कुष्ट क्लोनी जमशेदपुर में है। शादी कैसे होती है और परिवार आगे कैसे बढ़ता है इसका जवाब देते हुए मुखिया जी बताते हैं कि कुष्ट रोगियों या फिर उनके परिवार से अभी भी कोई शादी करने से कतराता है।
इसलिए हमलोग एक दूसरे कुष्ट क्लोनी में किसी भी जाति में शादी कर लेते हैं। अगर हुआ तो पंचायत बैठाकर गाँव में भी शादी हो जाती है।
बहुत देर तक बातचीत करने के बाद मुरली जी शरमाते हुए कहते हैं -बाहरी कोई आता है तो हमलोग चाय पानी भी नहीं पूछ पाते हैं क्योंकि छुआ छुत के चलते लोग मना कर देते हैं तो हमलोगों को बुरा लग जाता है। फिर पूछते हैं - पानी पिजियेगा क्या ? मुरली जी ने बताया शुरू में गाँव के ज्यादातर लोग भिखारी ही थे। अब तो गाँव का सबसे अधिक पढ़ा लिखा जितेंद्र शिक्षक भी है। 20 से 25 युवक ड्राईवर हैं। कुछ अपना ठेला खोमचा भी लगाते हैं। मुरली जी के अनुसार ज्यादातर लोग ठीक हो चुके हैं उनके बच्चे भी पूरी तरह स्वस्थ हो रहे हैं फिर भी समाज स्वीकारता ही नहीं। समाज तो छोड़िये घर वाले तक दूर रहना चाहते। शादी ब्याह और किसी शुभ चीज़ में घर आने से मना कर देते, ऐसे कभी कभी घर वाले यहाँ भी मिलने आते हैं। क्या कीजियेगा जिस रोग को लोग पाप और ऊपर वाले का अभिशाप कहता था वो तो धूल गया लेकिन निचे वाला का सोच बदलिये नहीं रहा तो क्या कहें.....

फेसबुक पर आई प्रतिक्रिया 

Comments
Saurabh Suman Nice Post
Ravi Ranjan Sunny Sharad ki report@ शानदार रिपोर्ट
Anil Kumar Hearts touching story
Prabhat Ranjan Jaiswal सन्नी जी की डी एन ए को सलाम
LikeReply126 April at 12:17
Rajeev Gupta Kya baat hai bahut bariyan
Subhash Shekhar Mahto Prernadayak story hai ye
LikeReply126 April at 12:48
Vaibhaw Singh बिलकुल
Sunny Sharad
Write a reply...
Shivkumar Bhagat बहुत खुब बेटा ! हमें नाज है तुम पर ।
Mahabir Singh Esi trah ki story karte rhe jisse smaj ko shi disa mil ske.......aur sochne ko majboor ho... 🎓
Shesh Nath Vernwal Lazawab report !
Mukesh Kumar Rajak Nic story, Dum hai
Mukesh Kumar Joni nice reporting sunny..keep it up...!!
LikeReply126 April at 14:05
Biplab Dutta Sunny जी अच्छी रिपोर्टिंग है , आगे और भी अपेक्षा रखते है
Vandana Kumari Wah very nice ...
Subodh Sah रौसन पथरगामा।थैंक्स भाई।
Suranjan Sarkar Going good dear
Ved Prakash good job
Rupesh Singh Bahut accha news
Ranajit Sen Mind blowing reporting. Keep going!!!
Malabika Dhar main is jagah par story ki thi.. keep going! it may hlp them..

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