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झारखण्ड के रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का छात्र हूँ ! आप बचपन से ही भावुक होते हैं ! जब भी आप कोई खबर पढ़ते-सुनते हैं तो अनायास ही कुछ अच्छे-बुरे भाव आपके मन में आते हैं ! इन्हीं भावो में समय के साथ परिपक्वता आती है और वे विचार का रूप ले लेते हैं! बस मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है! कलम काग़ज से अब तसल्ली नहीं होती ! अब इलेक्ट्रॉनिक कलम की दुनिया भाने लगी है !

रविवार, 27 नवंबर 2016

मैं भी एक बार हरी ओम टावर से कूदने जा रहा था लेकिन..


आज हरी ओम टावर पर स्टोरी फ़ाइल कर आ रहा हूँ। इसलिए दिमाग में वही है और फिर फेसबुक भी तो पूछ रहा है वाट्स ओन योर माइंड.... कई साल पहले की बात है..... शाम के 7 बज रहे थे..... उससे बिछुड़ने और तकरार के 2 घंटे ही बीते थे..... लालपुर के भीड़ वाले सड़क में भी खुद को अकेला महसूस कर रहा था..... दिमाग में उसके आलावा कुछ नहीं था... तभी चलन था हरी ओम टावर से कूदकर जान देने का..... मैं भी उसी सोच के साथ आगे बढ़ा था.... रास्ते में बजरंगी के दुकान के सामने लगे ठेले में चाय पीने का मन हुआ.... वहीँ सोचा आखरीबार गोल्ड फ्लैक भी मार लेता हूँ.... एक ख़त्म हुआ तुरंत दूसरा सुलगा लिया..... एक हाथ से सिगरेट की कश और और दूसरे से पाण्डेय जी की चाय से दिमाग की नसें तन गई.... रक्त संचार की स्पीड भी बढ़ गई.... तभी कहीं किसी नस के कोने में बैठा सन्देश का एक गठर मेरे दिमाग से टकराया और कहा जो सोच रहे हो वो कर ही लेना उससे पहले कम से कम एकबार सबसे बात तो कर लो..... तभी टाटा इंडिकॉम के छोटे फोन से सबको फ़ोन घूमना शुरू किया.... कई लोग तो इस बात से ही खुश थे कि मैंने कॉल किया है..... दोस्त ऑफिस परिवार के कई सदस्यों से होते हुए मुझे याद है मैंने आखरी कॉल माँ को ही किया था..... हेल्लो बोलते ही उधर से आवाज़ आई - क्या हुआ है ? आवाज़ इतना भारी क्यों लग रहा है..... ठण्ड बहुत है..... स्वेटर टोपी ठीक से पहन रहे हो न...... इतना सुनते ही गुब्बारे की तरह मेरे अंदर के गम का घड़ा फूटा और आँखों से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई.... माँ के वे शब्द मैं अंतिम शब्दों के रूप में ग्रहण कर रहा था...... फोन पर बात करते-करते आगे बढ़ा..... तभी तेज़ रफ़्तार से आ रहे एक बाइक सटाते हुए निकला.... मेरे मुह से निकले चिल्लाहट सुन माँ उस वक्त बैचैन हो उठी थी..... लग रहा था फोन से निकलकर सामने आ जायेगी...... 10 मिनट तक बस कहाँ - कहाँ चोट लगी उसी का विवरण चलता रहा.... तभी माँ ने कहा था - चलो कोई बड़ा ग्रह रहा होगा जो टल गया.... उसके बाद तो जैसे मैं भूल ही गया मैं कहा जा रहा था..... 
(काल्पनिक)



फेसबुक पर आई प्रतिक्रिया 


Comments
Shashank Sharad काल्पनिक या दार्शनिक
Sandeep Kumar Bhale yah kalpanik hai, Lekin likha dil se hai
Shamim Ali S Ali वाह भाई
Alok Tiwari sabhi yuvao ko sochna hoga, MAA ke liye fir aisi bat hogi hi nahi
Nirantar Narayan हर कोई सोचे ऐसा तो न जाने कितनी जिंदगानियां बच जाएँ
Abhishek Kumar Shastry चन्द्रमुखी हो या पारो , अपने को की फरक पड़ता यारों ।
Anju Sahu जिन्दगी मे बहुत कुछ है करने को,,,सिवाय मरने को; ;;;;;;;
Kumar Gandharva story kalpnik hi sahi but bahoot achhi hai... 4 - 5 minut ki Short film bahoot achhi banegi.. Try it.....
Sunny Sharad आप आइये फिर शुरू करते हैं....
Sunny Sharad
Write a reply...
Bhola Shankarsingh आपने बहुत अच्छा डिसिजन लिया अक्सर लोग आवेश में आकर गलत कर जाते है
Alok K N Mishra Naya Phanishwar Nath Renu...
Santosh Lal If it would had been real story its impact will be better.
Chandan Kumar GD BHAIYA... FOR MOTIVATE TO OTHER PERSON
Prabhat Ranjan Jaiswal Emotional।।।।।
Prasenjit Singh जो भी हो लेकिन सच में माँ माँ हैं।
Rajesh Chandra काल्पनिक नहीं लग रहा...बड़ी सच्चाई से लिखा हैै
Shachindra Jha क्यौ न वहॉं कुदने वाला सिस्टम लगवा दिया जाये की सब कुदे भी मरे भी नहीं
Rakesh Karn बहुत अच्छे ऐसे पोस्ट से बढ़िया संदेश जाता है।
Prince Kumar Singh Kya baat hai.... par kalpnik nai lag raha hai...
Shambhu Nath Singh आपने इस नेक काम को अधूरा क्यों छोड़ दिया एक बार फिर ट्राई करने में क्या हर्ज है |
Nadeem Eqbal वाह काल्पनिक ही सही मगर अच्छा सन्देश दिया माँ के लिए ....
Dhiraj Banka बहुत सूंदर वर्णन
Vijendra Trivedi itni sunder kalpana sunny .bahut khub
Baranwal Nitishraj जबरजस्त कहनिया गढ़ते हैं सर आप भी ।
Sweta Sharad Kahani banane to koi tumse sikhe...
Ashish Bhagat Maine bhi phone par kuch kaha tha us din.... Wo nahi bataya.
Chhandosree Thakur Good. Agar kalpnik hai to kahani likhna prarabh kijiye. Kabhi PK types story telling session ke audience me baith kar siti bajane me garv mahsus hogi. Agar sach hai...to bhi sabash
Raju Kumar Kahi wahi ladki ko soch k to aapne kalpnik khaini nai likha h jisne aapko dhokha diya tha
Manmohan Singh Charge lag jayega.
Raj Singh bahut badhiya
Rakesh Kumar Sharma सन्नी भैया ये प्यार कैसे होता है बताइए तो मुझे भी लगता है हो गया लक्षण क्या हैं इसके
Kamran Jalili Nice imagination
Er Sanjay Rajak · 3 mutual friends
जो भी हो लेकिन सच में माँ माँ हैं।
Sani Siddique बहुत खूब ....
Ranjit Kumar कहानी में दम है भाई।
Parvez Quraishi sanny aaj pta cala ki agr aap kud jate to aaj ek reporter ki kmi khlte
Mukesh Sinha काश लोग इस बात को समझ पाते
Mukesh Sinha तो कई माताओ के गोद सुने ना हुए होते
Indrajeet Singh Bahut bhub sunny story likha karo bhai touching
Anil Sikdaar शानदार स्क्रिप्ट
Mohammad Abu Zaffar · Friends with Hasan Jawed
Nice story
Ravishankar Singh gazab, visvas nhi ho rha k jhoot hai



2 टिप्‍पणियां: