मेरे बारे में

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झारखण्ड के रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का छात्र हूँ ! आप बचपन से ही भावुक होते हैं ! जब भी आप कोई खबर पढ़ते-सुनते हैं तो अनायास ही कुछ अच्छे-बुरे भाव आपके मन में आते हैं ! इन्हीं भावो में समय के साथ परिपक्वता आती है और वे विचार का रूप ले लेते हैं! बस मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है! कलम काग़ज से अब तसल्ली नहीं होती ! अब इलेक्ट्रॉनिक कलम की दुनिया भाने लगी है !

बुधवार, 25 अगस्त 2010

काश मैं गोरा होता......?


मैं कुवारा हूँ मेरा रंग काला है। मैं कई लड़किओं को देखता हूँ वो भी मुझे देखती हैं, देखेंगी और शायद देखती रह जाएँगी। यह सब जान कर कोई आशचर्य नहीं होता है। क्यूंकि आश्चर्य तो तब होगा जब लड़कियां मुझे पसंद कर लेगी। इस बार भी इनमे से किसी लड़की ने मुझे पसंद नहीं किया। हर बार यही होता है जब भी कोई नयी और अच्छी लड़की देखता हूँ तो उत्साह से भर कर सज सवरकर उसके चक्कर इस प्रकार काटने लगता हूँ। जैसे एलेक्ट्रोन नियोकिलस का चक्कर कटता हैं।

काला होना एक पुरुष के लिए कितना बड़ा अभिशाप है उसे हर काला पुरुष ही समझ सकता है। घर-बाहर आते-जाते सभी जगह ताने और फुसफुसाहट सुननी पड़ती है। जब दोस्तों की महफ़िल में बैठता हूँ तो वे लोग भी भले भूरे कह कर मजाक उड़ाते हैं। एक बार एक दोस्त ने कहा-लगता है जब भगवान तुझे बना रहे होंगे तो लाइट चली गयी होगी, तो तुझे डिबिया के प्रकाश में ही बना रहे होंगे। जिससे डिबिया का धुवां तुझ पर कर बैठ गया होगा और तू गोरा से काला हो गया होगा। एक दिन जब मैं लाल रंग का शर्ट पहन लिया तो ऐसा लगा मानो भूचाल गया हो। सभी कहने लगे ऐसा लग रहा है जैसे कोलवरी में आग लग गयी हो। इनसब से तंग आकर जब मैंने अपनी माँ से पूछा की माँ मैं काला क्यूँ हूँ तो माँ ने भी मेरा मजाक उड़ाते हुए कहा की तू पहले गोरा था लेकिन बचपन में तुझे एक बार करेंट लगा था तभी से तू काला होगा है। एक बार एक दोस्त के यहाँ पार्टी में गया था तभी एक बच्चे से मेरे दोस्त ने पूछा की छोटू गुलाब जामुन खाए की नहीं, बच्चा बोला कैसा होता है तो उसने मेरी तरफ दिखाते हुए कहा की देखो ऐसा होता है। बच्चे ने भी मुझे नहीं छोड़ा और कहा की नहीं इससे थोडा साफ़ था।

ये सब सुन कर मेरा खून खौल जाता है। लेकिन कुछ कर भी नहीं सकता आखिर में सत्य तो यही है की मैं काला पुरुष हूँ। बस जिंदगी का एक कड़वा सा घूंट पी कर रह जाता हूँ। भगवान मुझे मिले तो मैं उनसे पुछुगा की उसने मुझे ही काला क्यूँ बनाया। मेरे मम्मी-पापा, भाई-बहन कोई काले नहीं तो फिर मुझे ही काला क्यूँ बनाया। आखिर किस जन्म का बदला लेने के लिए मुझे काला बनाया।

मेरे भी कुछ अरमान हैं, मैंने भी सपनों की महल बनाई है। लेकिन सभी इस काला होने की वजह से बेकार हो जाते हैं। जब भी कोई गोरा लड़का देखता हूँ तो बस यही सोचता हूँ की काश मैं भी ऐसा होता तो मेरी भी दो चार गर्लफ्रेंड होती। मै भी उसकी बाँहों में सर रख कर सुख-दुःख बांटता। लेकिन ये कभी हो सका। मेरे अन्दर के दुःख मेरे आत्मा की पीड़ा शायद भगवान भी सहन कर पाए। एक जवान लड़के का काला होना से बड़ा अभिशाप और कुछ नहीं हो सकता है।

हे भगवान मेरी आपसे यही विनती है की किसी को काले नहीं बनाये। यदि यह बात सच है की आदमी बनाते- बनाते लाइट चली जाती है और आप डिबिया के प्रकाश में ही आदमी बनाने लगते हैं जिससे डिबिया का धुवां आदमी पर पड़ कर उसे गोरा से काला बना देता है तो आप एक जेनेरेटर खरीद ले। जिससे लाइट जायेगा ही आदमी काला होगा। क्यूँ ठीक कहा ..?

13 टिप्‍पणियां:

  1. "भगवान मेरी आपसे यही विनती है की किसी को काले नहीं बनाये।" भगवान ने आपकी सुन ली तो उन कंपनियों का क्या होगा... जोर रंग गोरा करने के चक्कर में अरबों रुपे कमा रही है. बाकि रही भारतीय मानसिकता की बात तो वो गोरे रंग पर ही मर मिटी है

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  2. ha ha ha... achha hai.. kabhi - kabhi khud ka bhi mazak udana chahiye... waise tune iske dwara kai kale logon ki dil ki baat rakh di hai jo.. nahi kah pate hain.... chalo... ek gana suna deti hoon.. ARE HUM KALE HAIN TO KYA HUA DIL WALE HAIN.. HUM TO TERE... TERE..

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  3. are rang se kuch nahi hota hai... krishna bhagwan aur shanker bhagwn bhi kale the... waise kaun kah diya ki tum kale ho........ tum to shyam ho..

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  4. aapko ye gaana yaad krna chahiye....hm kale hain toh kya hua dilwale hain......

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  5. मैं भी आपके साथ शामिल हूँ. :) हा हा!

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  6. क्या आपने हिंदी ब्लॉग संकलन हमारीवाणी पर अपना ब्लॉग पंजीकृत किया है?
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  7. ha ha ha ha ha ha.....akhirkar tere dil ka dard blog ke jariye samne aa hi gaya......KJ:)

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  8. @DEEPAK BABA.... वैसी कम्पनियाँ फिर चेहरे को बालों की तरह रंग बिरंगी... करने लंगेगी... टिप्पणी छोड़ने के लिये धन्यवाद सर..

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  9. @ARYAN ... हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और होते हैं...

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  10. @Priya.... अफ़सोस है की दिलवाले भी नहीं हैं... नहीं तो दो चार तो दिल लगाने के लिये होती ही... क्यूँ...?

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  11. @Udan Tashtari.... बहुत - बहुत धन्यवाद सर... कनाडा से रांची की दुरी तय करके आपने अपनी टिप्पणी छोड़ी... और वैसे भी आप बिरादरी वाले हैं... आपकी बहुत इज्ज़त है मेरी नज़रों में.... काले हैं तो क्या हुआ...

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  12. @Smita....... Pad कर बहुत सुकून पहुंचा होगा......
    शुखिया रे... शुखिया......

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