ललकी |
ई ललकी है। फुटानी हटिया से खरीद के साहू जी इसको लाये थे। बेटा के बिहाह में जुटे 500 लोगों का पेटपुजा इसी से करवाने वाले थे। आजे बेटा का बिहाह था। एक ओर साहू जी के लैका को हरदी लग रही थी तो दूसरी ओर ललकी अपनी आखरी घड़ी का बस इंतेज़ार कर रही थी। ललकी सोच रही थी कि अभी दूल्हा को हल्दी लग रही है कुछ देर बाद मेरी चमड़ी छिल कर मेरे ऊपर भी लगेगी। ललकी अगले पैर से धरती चीरते हुए सोच रही थी। दुबड़ी खा रही थी। और जून की भरी दुपहरी में मई मई बोल रही थी। लेकिन डीजे के तेज़ नगपुरिया संगीत में ललकी की आवाज़ कोई सुन नहीं पा रहा था। ललकी तब थोड़ी उदास हो गई। काहे की डीजे में बज रहा था मोर अठरह साल होय गैलख रे.... ओ बाबा.... ओ काका मोर शादी करा दे......
लेकिन तभी अचानक से डीजे बंद हो गया। साहू जी के द्वार पर 2-3 गाडी लग गई। पुलिस और लोगन के देख घर वाले सकपका गए। मंडप में बैठे साहू जी के लैका और होये वाली दुल्हन से सब पुछताक्ष करने लगे। बाते बाते में पता चला लड़की अभी सयान नहीं हुई है। डीजी में जे गाना बज़ रहा था उतना उमर नै हुआ है। हरदी और मेहँदी लगल दुल्हन को आयोग और पुलिस ले गई। शादी के बाद जैसे बिदाई के समय लड़की रोती है ठीक उसका उल्टा लड़का रोने लगा। सब ढाढस बांध रहा था चुप हो जा सब ठीक हो जायेगा। शादी के इस रौनक वाले घर में पसरे मातम के बीच फिर मई मई की आवाज़ ललकी ने लगाई। ललकी अब थोड़ा - थोड़ा मुस्कुरा रही थी। घर वाले को दांत दिखा दिखा कर दुबड़ी खा रही थी।
दरअसल कुछ देर पहले तक जो ललकी उदास थी वो अब इसलिए खुश थी क्योंकि जिस शादी में वो हलाल होने आई थी उसकी दुल्हन को ही पुलिस ले गई। मतलब साहू जी अपने बेटा का बिहाह एक नाबालिक लड़की से करवा रहे थे जो पकड़े गए लेकिन ललकी को डीजे के धुन पर पहले से ही शक हो गया था। इसलिए वो तभीए मेमा रही थी।
लेकिन तभी अचानक से डीजे बंद हो गया। साहू जी के द्वार पर 2-3 गाडी लग गई। पुलिस और लोगन के देख घर वाले सकपका गए। मंडप में बैठे साहू जी के लैका और होये वाली दुल्हन से सब पुछताक्ष करने लगे। बाते बाते में पता चला लड़की अभी सयान नहीं हुई है। डीजी में जे गाना बज़ रहा था उतना उमर नै हुआ है। हरदी और मेहँदी लगल दुल्हन को आयोग और पुलिस ले गई। शादी के बाद जैसे बिदाई के समय लड़की रोती है ठीक उसका उल्टा लड़का रोने लगा। सब ढाढस बांध रहा था चुप हो जा सब ठीक हो जायेगा। शादी के इस रौनक वाले घर में पसरे मातम के बीच फिर मई मई की आवाज़ ललकी ने लगाई। ललकी अब थोड़ा - थोड़ा मुस्कुरा रही थी। घर वाले को दांत दिखा दिखा कर दुबड़ी खा रही थी।
दरअसल कुछ देर पहले तक जो ललकी उदास थी वो अब इसलिए खुश थी क्योंकि जिस शादी में वो हलाल होने आई थी उसकी दुल्हन को ही पुलिस ले गई। मतलब साहू जी अपने बेटा का बिहाह एक नाबालिक लड़की से करवा रहे थे जो पकड़े गए लेकिन ललकी को डीजे के धुन पर पहले से ही शक हो गया था। इसलिए वो तभीए मेमा रही थी।
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